दोस्तों, हम सब जानते हैं कि भारत में पुलिस की नौकरी को कितना ज्यादा महत्व दिया जाता है, यह ऐसा पद होता है जिसमें कि अच्छी सैलरी होने के साथ-साथ पावर भी होती है और व्यक्ति को समाज में सम्मान भी दिया जाता है।
वैसे तो पुलिस डिपार्टमेंट अलग-अलग भागों में बटा हुआ है, पुलिस का सबसे उच्च अधिकारी IPS को माना जाता है इसके अलावा ACP भी एक ऐसा पद है जिससे हर वह कैंडिडेट प्राप्त करना चाहता है जो पुलिस डिपार्टमेंट की जॉब में रुचि रखता है। कई लोग ऐसे होते हैं जिन्हें ACP बनना तो है (ACP Kaise Bane) लेकिन इस बारे में अधिक जानकारी न होने के कारण उन्हें समस्या होती है।
आज की इस पोस्ट में हम आपको ACP क्या होते हैं, ACP बनने के लिए परीक्षा की तैयारी, ACP के काम, ACP की सैलरी से संबंधित सारी जानकारी देने वाले हैं।
ACP का फुल फॉर्म – ACP Full Form
ACP (एसीपी) | Assistant Commissioner Of Police |
ACP Full Form in Hindi | सहायक पुलिस आयुक्त |
ACP क्या होता हैं?
ACP का फुल फॉर्म Assistant Commissioner Of Police होता है, जिन्हे हिंदी में सहायक पुलिस आयुक्त भी कहते हैं। ACP को उनकी वर्दी पर 3 स्टार दिए जाते हैं, यह पुलिस के बड़े अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं, पूरे जिले की पुलिस डिपार्टमेंट के हेड होते है ।उनकी duty दूसरे Police department की तरह Sale department, Income डिपार्टमेंट और भी पदों पर होती है। मुख्यतः इन अधिकारियों का काम होता है कि जिले में कानून व्यवस्था बनी रहे, इसका ध्यान रखते हैं।
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ACP बनने के लिए योग्यता
कोई भी व्यक्ति जो किसी भी जाति, धर्म अथवा समुदाय से संबंध रखता हो , अगर वह भारत का नागरिक है तो वह ACP बन सकता है।
उम्र – ACP बनने के लिए कैंडिडेट की उम्र 21 से 32 वर्ष के बीच होनी चाहिए, हालांकि अलग-अलग वर्गों के लिए सरकार द्वारा उम्र में छूट दी गई है। सामान्य वर्ग के छात्र 21 से 32 वर्ष, ओबीसी वर्ग 21 से 35 वर्ष और sc/st वर्ग के कैंडिडेट 37 वर्ष तक परीक्षा में बैठ सकते हैं।
शैक्षिक योग्यता – कैंडिडेट किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय/महाविद्यालय से ग्रेजुएट होना चाहिए। ग्रेजुएशन में कोई भी विषय हो सकता है सभी विषयों को मान्यता दी गई है।
शारीरिक योग्यता – ACP बनने के लिए शारीरिक योग्यता में पुरुष की लंबाई 165 cm और महिला की लंबाई 155 cm निर्धारित की गई है। वे छात्र जो शारीरिक रूप से अक्षम हैं उनके लिए अलग कैटेगरी बनाई गई है ।
मानसिक योग्यता – ACP का पद प्राप्त करने के लिए छात्र की मानसिक योग्यता की जांच इंटरव्यू द्वारा की जाती है। वे छात्र जिनकी कम्युनिकेशन स्किल अच्छी होती है, जो डिसीजन मेकर होते हैं उन्हे ACP का पद आसानी से प्राप्त हो जाता है।
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ACP बनने के लिए तैयारी कैसे करे?
कोई भी कैंडिडेट जो ACP बनना चाहता है इसके लिए सबसे पहले उसे IPS ( indian police service) का पद प्राप्त करना होगा, उसके बाद प्रमोशन के जरिए उसे ACP बनाया जायेगा।
कैंडिडेट को किसी भी विषय से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल कर लेने के बाद UPSC (union public service commission) द्वारा आयोजित सिविल सर्विस की परीक्षा देनी होती है, इस कठिन परीक्षा को पास कर लेने के बाद IPS का पद प्राप्त होगा।
IPS बनने के लिए सिविल सर्विस की परीक्षा में 3 चरण होते हैं-
- मुख्य परीक्षा
- मेंस परीक्षा
- इंटरव्यू
चरण 1 – कैंडिडेट के लिए मुख्य परीक्षा पास करना आवश्यक होता है, इसमें कैंडिडेट को 2 पेपर देने होते हैं। दोनों पेपरों में दो 200- 200 अंको के objective question पूछे जाते हैं, परीक्षा के कुल अंक 400 के होते हैं ।
प्रश्नों को हल करने के लिए कैंडिडेट को 2 घंटे का समय दिया जाता है। Qualifying nature के इस परीक्षा में negative marking भी होती है। परीक्षा की भाषा को bilingual( दो भाषाओं हिंदी और अंग्रेजी) में रखा जाता है।
चरण 2 – Mains परीक्षा में लगभग 9 विषयों के पेपर होते हैं, जो कि subjective होते हैं, इसमें 7 पेपर को विषय वाला रखा गया है और 2 पेपर को भाषा वाला रखा गया है।
सभी परीक्षाओं को पास कर लेने वाला कैंडिडेट इंटरव्यू में भाग ले सकता है।
चरण 3 – Interview में कैंडिडेट को उनकी पर्सनैलिटी की जांच करने के लिए बुलाया जाता है इंटरव्यू में 275 अंक निर्धारित किए गए हैं। 45 मिनट की बातचीत के दौरान इंटरव्यू पैनल कैंडिडेट के आत्मविश्वास की परख करते हैं, उनकी क्षमताओं इत्यादि को देखते हैं।
Pre,mains और interview की परीक्षा पास कर लेने के बाद कैंडिडेट को IPS की ट्रेनिंग के लिए भेज दिया जाता है ट्रेनिंग पूरी होने के बाद कैंडिडेट को आईपीएस के तौर पर देश के किसी भी जिले में नियुक्त किया जा सकता है।
- IPS बनने के बाद जब कैंडिडेट को कुछ सालों का अनुभव प्राप्त हो जाएगा, तब उसके काम को देखते हुए उसका प्रमोशन करके ACP बनाया जाता है।
- इसके अलावा राज्य की सिविल सेवा परीक्षा PCS exam पास करने वाले कैंडिडेट जो DSP (Deputy Superintendent of Police) का पद प्राप्त करते हैं, वह 10- 15 साल तक अनुभव प्राप्त कर लेने के बाद ACP बनाए जाते हैं।
Civil services परीक्षा का सिलेबस
Civil services की परीक्षा को देश का सबसे कठिन एग्जाम माना जाता है, इसकी तैयारी में कैंडिडेट हो 1 साल से 2 साल या इससे अधिक समय भी लग सकता है।
Pre exam सिलेबस
Paper -1( general studies) | Paper-2(CSAT) |
Current affairs (वर्तमान में चल रही देश-विदेश की घटनाएं) | Comprehension (तार्किक क्षमता) |
Indian history ( भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन एवं इतिहास) | तार्किक और विश्लेषात्मक कौशल (Logical and Analytical Skills) |
Indian and world geography (भारत एवं विश्व भूगोल) | सामान्य मानसिक क्षमता |
Economics and political development (आर्थिक और सामाजिक विकास) | निर्णय शक्ति और समस्या सुलझाने की क्षमता |
Indian polity and constitution (भारत की राजव्यवस्था और संविधान) | सामान्य गणित (दसवीं कक्षा तक का) |
Environment ( पर्यावरण) |
Mains exam सिलेबस
Paper 1 essay (निबंध) | अलग अलग महत्वपूर्ण विषयों पर निबंध |
Paper 2 general studies l | भारतीय संस्कृति, भूगोल और विश्व इतिहास) |
Paper 3 general studies ll | न्याय ,शासन, संविधान, राजनीति और इंटरनेशनल रिलेशन) |
Paper 4 general studies lll | प्रोद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव विभिन्नता, पर्यावरण, सुरक्षा और आपदा प्रबंधन |
Paper 5 general studies IV | ईमानदारी, आचार-विचार और कौशल |
Paper 6 ऑप्शनल l | कैंडिडेट द्वारा चुना गया विषय) |
Paper 7 ऑप्शनल ll | कैंडिडेट द्वारा चुना गया दूसरा विषय) |
Paper 8 -(भाषा) | कैंडिडेट द्वारा चुनी गई भाषा |
Paper 9 – (भाषा) | अंग्रेजी भाषा का पेपर |
परीक्षा से संबंधित महत्त्वपूर्ण जानकारी
- भाषा वाले दोनों पेपरों में कुल अंक 300 होते हैं, क्वालीफाइंग पेपर में कैंडिडेट के लिए 25% प्राप्त करना जरूरी होता है।
- जब इंटरव्यू के बाद फाइनल मेरिट बनाई जाती है तो भाषा वाले पेपर के अंक नहीं जोड़े जाते हैं, बाकी के 7 पेपर में प्राप्त अंक को जोड़कर फाइनल मेरिट बनता है
- ऑप्शनल पेपर में दोनो पेपर के लिए 250 अंक निर्धारित होते हैं, कैंडिडेट को इस पेपर को लिखने के लिए 3 घंटे का समय दिया जाता है।
- मेन्स परीक्षा कुल 1750 अंकों (7 पेपर 250 अंक) की होती हैं।
ACP की सैलरी कितनी होती है?
ACP रैंक के एक अधिकारी की सामान्य सैलरी भारत में लगभग ₹ 56,100 से ₹ 1,77,500 के बीच होती है। अनुभव और सर्विस के आधार पर वेतन की ग्रेड बढ़ाई जाती है। जब अधिकारी अनुभव हासिल करते हैं, तो प्रमोशन किया जाता है।
सैलरी के अलावा भी एसीपी को सरकार द्वारा कई अन्य सुविधाएं दी जाती है।
- ACP अधिकारी को रहने के लिए घर बिजली और पानी की सुविधा फ्री में दी जाती है, अधिकारी के लिए सरकारी घर अलॉट किए जाते हैं।
- यात्रा में सुविधा के लिए एसीपी को बस का पास दिया जाता है, जिससे वे सरकारी बसों में फ्री में यात्रा कर सकें।
- इसके अलावा रेल यात्रा के लिए भी ACP को फ्री पास दिया जाता है।
ACP का काम और जिम्मेदारियां
ACP जो कि सहायक पुलिस आयुक्त होता है, उनकी जिम्मेदारी होती है कि वे अपने क्षेत्र में हो रहे अपराधों पर रोक लगाने का प्रयास करें। कानून व्यवस्था बनाए रखना ACP की मुख्य जिम्मेदारी होती है।
- ACP अपने क्षेत्र में हाई लेवल सिक्योरिटी, गैंगस्टरिंग, अपराध और गैरकानूनी कामों के के खिलाफ कार्रवाई करने और जांच कराने का पूरा अधिकार रखते हैं।
- ACP को विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों और sub-inspectors के प्रबंधन का कार्य भी देखना होता है। अपने काम के अन्दर आने वाले क्षेत्र में प्रशासनिक कार्यक्रम और नीतियों का पालन ठीक से हो इसकी ज़िम्मेदारी ACP की होती है।
- ACP के काम के अंतर्गत 1 जिले के सभी पुलिस थाने आते हैं, इसलिए जिले की कानून व्यवस्था इनके हाथ में होती है, जिले में हिंसा या दंगा होने पर ACP जवाबदेह होते हैं।
Conclusion
तो दोस्तो हमने जो ACP कैसे बने (ACP kaise Bane) इसकी विस्तारपूर्वक जानकारी दी है, वो आपको पसंद आई होगी। इस लेख को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें। ताकी वो भी एसीपी (ACP) कैसे बना जा सकता है एवं ACP Full Form आदि जान पाए।
यदि आपका इस ACP कैसे बने (ACP kaise Bane) या ACP Full Form लेख से संबंधित कुछ सुझाव या सवाल हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।
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