देश में सबसे उच्चा पद भारतीय संविधान का है। सरकार, सुप्रीम कोर्ट, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री कोई भी इससे ऊपर नही है। सब इसके दायरे में रहकर काम कर रहे है।
1. भारत का संविधान एक हाथ से लिखा गया दस्तावेज है, ना कि मशीन से। इसे “
. भारतीय संविधान विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान है। यह 5 भागों में बंटा हुआ है, जिसमें 448 आर्टिकल्स और 1 scheules है। इसके अंग्रेज़ी संस्करण में कुल 117,369 शब्द हैं, जिन्हें लिखने में कुल 54 पेन निब्स का इस्तेमाल हुआ था और 6 महीने का समय लगा था। इस पूरे कार्य पर लगभग ₹6.3 करोड़ खर्च हुए थे।
3. संविधान के अंग्रेज़ी और हिंदी संस्करण की असली कॉपी संसद भवन की लाइब्रेरी में हिलियम के बॉक्स में रखी हुई हैं।
4. संविधान बनाने के लिए पहली सभा 9 दिसंबर, 1946 को बैठी थी और इसे बनाने में साल 11 महीने और 18 दिन लगे थे। डॉ॰ राजेन्द्र प्रसाद को संविधान सभा का अध्यक्ष चुना गया था और डॉ॰ भीमराव अम्बेडकर को इस कमेटी का चेयरमैन बनाया गया था।
5. संविधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या 389 तय की गई थी, जिनमें 9 ब्रिटिश प्रांतों के प्रतिनिधि, 4 चीफ कमिश्नर क्षेत्रों के प्रतिनिधि और 93 देशी रियासतों के प्रतिनिधि थे। ये संख्या बाद में घटकर 99 रह गई। हैदराबाद अकेली एक ऐसी रियासत थी, जिसके प्रतिनिधि संविधान सभा में शामिल नहीं हुए थे।
6. भारत का संविधान 6 नवंबर 1949 को बनकर तैयार हो गया था लेकिन आधिकारिक रूप से यह 6 जनवरी, 1950 को लागू हुआ था और इसी दिन को हम गणतंत्र दिवस के रूप में भी मनाते है।
7. संविधान को लागू करने के लिए 6 जनवरी का ही दिन इसीलिए चुना गया क्योंकि इस दिन “
8. भारतीय संविधान को अंतिम रूप देने से पहले इसे चर्चा और बहस के लिए रखा गया था और तब इसमें 000 से अधिक संशोधन किए गए थे।
9. Inin Constitution पर संविधान सभा के 84 सदस्यों के हस्ताक्षर भी है जिनमें से 15 महिलाएँ थी। ज्यादात्तर सदस्यों ने अपने हस्ताक्षर अंग्रेजी में किए थे और कुछ ने हिंदी में भी.. ‘
10. 4 जनवरी 1950 को, संविधान लागू होने से दिन पहले जब संसद में इस पर हस्ताक्षर किए जा रहे थे तो उस समय बारिश हो रही थी और संविधान सभा के सदस्यों ने इसे शुभ बताया था। यह सविंधान सभा की अंतिम बैठक थी और इसी दिन संविधान सभा के द्वारा डॉ॰ राजेंद्र प्रसाद को भारत का प्रथम राष्ट्रपति भी चुना गया।
11. डॉ॰ भीमराव अम्बेडकर, जो स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री और संविधान सभा की कमेटी के चेयरमैन भी थे, को “
1. भारतीय संविधान दुनिया के 10 अलग-अलग देशों से लिया गया है इसीलिए इसे “
- पंच-वर्षीय योजना का विचार सोवियत संघ से लिया गया है।
- सामाजिक-आर्थिक अधिकार का विचार आयरलैंड से लिया गया है।
- व्यापार और कॉमर्स के प्रावधान ऑस्ट्रेलिया के संविधान से लिए गए है।
- भारतीय संविधान में आपातकालीन प्रावधानों को जर्मनी से लिया गया है।
- भारत मे जिस कानून के तहत सुप्रीम कोर्ट काम करता है, वो जापान से लिया गया है।
- भारतीय संविधान की प्रस्तावना में “
Liberty ,Equlity औरFternity ” शब्द फ्रांस-क्रांति से प्रेरित हैं। - फ़ेडरल सिस्टम, संघ और राज्य के रिश्ते और संघ-राज्य के बीच पॉवर का बंटवारा कनाडा के संविधान से लिया गया हैं।
- भारतीय संविधान की प्रस्तावना (premble) अमेरिकी संविधान की प्रस्तावना से प्रेरित है। अमेरिकी संविधान की प्रस्तावना और भारतीय संविधान की प्रस्तावना दोनों ही “
We the People ” से शुरू होती है।
13. भारतीय संविधान, भारत के नागरिकों को वर्तमान में 6 मौलिक अधिकार देता है, जो अमेरिका के संविधान से लिए गए है:-
- समानता का अधिकार
- स्वतंत्रता का अधिकार
- शोषण के विरूद्ध अधिकार
- धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार
- संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार
- संवैधानिक उपचारों का अधिकार
- दिलचस्प बात यह है कि शुरुआत में, संपत्ति का अधिकार भी एक मौलिक अधिकार था। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 31 में कहा गया था कि “
किसी भी इंसान को उसके संपत्ति से वंछित नही किया जा सकता हैं “। लेकिन संविधान के 44वें संशोधन, 1978 में इस अधिकार को हटा दिया गया।
14. भारत के राष्ट्रीय प्रतीक ‘
15. भारतीय संविधान की प्रस्तावना के अनुसार भारत एक “
16. भारतीय संविधान के पहले अनुच्छेद के अनुसार “
17. संविधान के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए 6 नवंबर के दिन को “
18. भारत के संविधान को दुनिया के सबसे बेहतरीन संविधानों में से एक माना जाता हैं क्योंकि अभी तक हमारे संविधान में सिर्फ 10 संशोधन हुए हैं।
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