1. Kedareshwar Cave Temple
यह मंदिर महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में हरिश्चन्द्रगड़ पहाड़ी में मौजूद है और ये मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। ये मंदिर एक गुफा के अंदर मौजूद है और गुफा के बीच में 5 फुट का शिवलिंग मौजूद है जिसके चारों और कमर जितना पानी रहता है और लोग पानी में खडे रहकर ही शिवलिंग की पूजा करते है। इस मंदिर की सबसे ज्यादा चौकाने चीज है गुफा के अंदर मौजूद चार पिलर, जिनमें से 3 टूट चुके है और सिर्फ एक ही बचा है। इन चार खम्बो को चार युगों (सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलियुग) से जोड़ कर देखा जाता है और माना जाता है ज़ब भी एक खम्बा टूटता है तो एक युग खत्म हो जाता है और अंतिम खम्बा कलियुग का बचा हुआ है और जिस दिन ये खम्बा टूट जायेगा उस दिन कलियुग का भी अंत हो जायेगा।
2. Mehandipur Balaji, Rajsthan
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर राजस्थान राज्य के दौसा जिले में स्थित एक हिंदू मंदिर है, जो भगवान हनुमान को समर्पित है। यह मंदिर आम मंदिरों की तरह नहीं है बल्कि इसे भूतिया और डरावना मंदिर माना जाता है। यहाँ हर रोज हजारों ऐसे लोग आते है जिनके अंदर बुरी साया या भूत का वास होता है। आम लोग इस मंदिर के अंदर का नजारा देख कर डर जाते है क्यूंकि यहाँ कोई लोग जोर जोर से चिल्ला रहे होते है तो कोई जमीन में रेंग रहे होते है। पीड़ित लोगों के अंदर से भूत प्रेत, काले जादू और बुरी आत्माओं को दूर करने के लिए हर दिन 2 बजे खास कीर्तन किया जाता है। इस मंदिर में प्रसाद या कोई भी चीज मंदिर से बाहर ले जाना सख्त मना है क्यूंकि माना जाता है ऐसा करने से बुरी आत्माए भी उनके पीछे आती है। कहा जाता है जो भी लोग भूत प्रेत और बुरी शक्तियों पर विश्वास नहीं करते उन्हें एक बार मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में जरूर आना चाहिए।
3. Kaal Bhairav Temple, Varanasi
वाराणसी में भगवान शिव के अवतार Kaal Bhairav जी का मंदिर मौजूद है जो वाराणसी के सबसे पुराने शिव मंदिरों में से एक है। काल का मतलब मौत होता है और कहा जाता है की मौत भी काल भैरव से डरती है। काल भैरव के इस मंदिर की खास और चौकाने वाली बात यह है की इस मंदिर में भगवान को भोग के तौर पर मदिरा यानि शराब चढ़ाई जाती है और भक्तों को भी प्रसाद के तौर पर शराब या शराब की खाली बोतल दी जाती है। इस मंदिर में हर दिन बहुत से लोग दर्शन करने आते है और माना जाता है की मंदिर में शराब चढ़ाने से लोगों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है।
4. Jwala Ji Temple, Kangra
ज्वाला जी का मंदिर हिमाचल प्रदेश के कांगडा जिले में स्थित है। यह मंदिर प्रमुख शक्तिपीठों में से एक है कहा जाता है कि माता सती की जीभ इसी जगह गिरी थी इसीलिए इस स्थान पर ये मंदिर बनवाया गया। इस मंदिर मे एक लौ है जो कि 100 सालों से भी अधिक समय से निरन्तर जल रही है जो सभी लोगो को आश्चर्य में डाल देती है। श्रद्धालु इसे माता का चमत्कार मानते है जबकि वैज्ञानिकों ने यह तर्क दिया है कि इस लौ के निरन्तर जलने के कारण वहाँ जमीन के नीचे मौजूद मीथेन गैस है
5. Lepakshi Temple, Andhra Pradesh
आंध्रप्रदेश में स्थित लेपाक्षी मंदिर में भगवान शिवजी के वीरभद्र रूप की पूजा की जाती है। इस मंदिर में 70 खम्बे है जिनमे से एक खम्बा ऐसा भी है जो हवा में लटका हुआ है और यही इस मंदिर को खास बनाता है और लोग हैरान होते है कि जमीन में बिना छुए इस खम्बे को कैसे बनाया गया होगा। इस हवा में लटके हुए खम्बे की वजह से इसे 'हैंगिंग पिल्लर टेम्पल' भी कहा जाता है। लोगों में मान्यता है की इस खम्बे के नीचे से कपड़ा पार करने से मनोकामनाएं पूरी होती है यही कारण है कि बहुत से श्रद्धालु इस मंदिर के दर्शन के लिए आते है।
6. Bijli Mahadev, Kullu HP
बिजली महादेव मंदिर हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के साथ ही एक पहाड़ की ऊँचाई पर स्थित है जहाँ पर भगवान शिवजी की पूजा की जाती है। इस मंदिर में मान्यता यह है कि यहाँ हर 12 साल बाद आसमान से शिवलिंग के ऊपर बिजली गिरती है, कहा जाता है कि इंद्रदेव यह बिजली भगवान शिव जी की आज्ञा से ही उनके ऊपर गिराते है। बिजली गिरने के कारण शिवलिंग खण्डित हो जाता है फिर पुजारी मक्खन लगाकर शिवलिंग को दोबारा जोड़ते है। बिजली महादेव को कुल्लू के लोग अपना इष्ट देव मानते है और बिजली महादेव को कुल्लू घाटी का रक्षक माना जाता है इसलिए इनपर आने वाले सभी संकट और आपदाओं को भगवान शिव बिजली के रूप में अपने ऊपर लेते हैं।
7. Chilkoor Balaji Temple (Visa God) Hyderabad
यदि आप भी वीज़ा के चक्कर मे धक्के खा खा कर थक चुके हैं तो आप भी इस मंदिर में ज़रूर जाइये। चिलकुर बालाजी का मंदिर हैदराबाद से 30 किमी की दूरी पर स्थित है। लोगों की मान्यता है कि इस मन्दिर में इस मंदिर में वीसा मांगने से बहुत जल्द वीजा जरूर मिलता है। यही कारण है कि इस मंदिर को वीजा टेम्पल भी कहा जाता है। प्रतिदिन हजारों भक्त इस मंदिर के दर्शन करने आते है पर अधिकतर वीजा या नौकरी मांगने वाले भक्त ही होते है और कहा जाता है कि इस मंदिर में सभी लोगों की मनोकामनाएं पूरी होती है यही कारण है कि यह मंदिर इतने श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र बना है
8. Hazrat Kamar Ali Dargah, Pune
हजरत कमर अली दरगाह बैंगलोर व पुणे के हाईवे के पास स्थित शिवपुरी नाम के गांव में मौजूद है। इस दरगाह की सबसे चौंका देने वाली चीज यहाँ पर मौजूद एक पत्थर है जो कि 90 किलो के करीब वजन का है। इस पत्थर की खास बात यह है कि इसे केवल 11 लोग ही अपनी इंडेक्स फिंगर से उठा सकते हैं। अगर 11 से कम या किसी और उंगली से इसे उठाने का प्रयास किया जाए तो इसे उठाया नहीं जा सकता। अब इस पत्थर का कभी इनका भारी होना की कोई इसे हिला भी न सके और कभी इतना हल्का हो जाना कि लोग अपनी 1 उंगली से उठा ले, इसके पीछे का कारण अभी भी लोगों के लिए रहस्य बना हुआ है
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9. Shani Shinghnapur, Maharashtra
शनि शिंगणापुर, शनि देव जी का मन्दिर है जो कि अहमदाबाद जिले के शिंगणापुर गांव में स्थित है। इन गांव की खास बात यह है कि यहां आपको किसी भी घर, स्कूल या दुकानों में दरवाजा देखने को नही मिलेगा। और दरवाजा ना होने के बावजूद भी यहाँ चोरी का एक भी मामला सामने नहीं आया है। अपनी इसी विचित्रता के कारण ही यह गांव दुनिया भर में प्रसिद्ध हो रहा है। इस गांव के लोगों का मानना है कि शनि देव इस गांव की रक्षा करते है जिस कारण यहाँ कोई भी अपराध नहीं होते। अगर कोई अपराध करता भी है तो खुद शनि देव उसे दण्डित करते है। इसी भय के कारण कोई भी व्यक्ति इस गांव में अपराध करने का साहस नहीं कर पाता।
10. Nidhivan, Vrindavan
कृष्ण नगरी वृन्दावन में मौजूद निधिवन एक रहस्यमयी मंदिर है, शाम होने के बाद इस मंदिर के सभी कपाट बंद कर दिए जाते हैं और भगवान कृष्ण के लिए प्रसाद और बिस्तर तैयार करके रखा जाता है और किसी को भी यहां रात के समय रुकने की अनुमति नही होती। निधिवन में 16000 के करीब ऐसे वृक्ष पाये जाते हैं जो सभी टेढ़े-मेढ़े आकार के हैं, कहा जाता है कि ये सभी पेड़ श्रीकृष्ण की गोपियां है जो रात को अपने रूप में आकर श्रीकृष्ण संग रास रचाते है और सुबह होते ही फिर से पेड़ों का रूप धारण कर लेते है। निधिवन के पेड़ों की खास बात यह भी है कि ये सभी पेड़ नीचे की तरफ झुके हुए है जबकि आमतौर पर पेड़ो का आकार सीधा होता है। मंदिर की सबसे चौकाने वाली बात तो यह है कि शाम के समय मन्दिर में रखा गया प्रसाद सुबह के समय आधा खाया हुआ होता है और बिस्तर भी बिखरा हुआ मिलता है। कहा जाता है कि बहुत से लोगों ने रात के समय चुप कर इस मंदिर का रहस्य पता लगाने की कोशिश की लेकिन वे या तो पागल हो गए या फिर उनकी मौत हो गयी और इस मंदिर में रात के समय क्या होता है ये रहस्य आज भी अनसुलझा है।
11. Brihadisvara Temple, Tamilnadu
जो भी लोग आज के समय की इंजिनियरिंग को ही सर्वश्रेष्ठ मानते है उन्हें तमिलनाडु में मौजूद बृहदेश्वर मंदिर के बारे में जान लेना चाहिए, यह मंदिर लगभग 1000 साल पुराना है और इसे ऐसे बनाया गया है कि जिसे देखकर आज के वैज्ञानिक और इंजिनीयर भी हैरान होते है। ये मंदिर 66 मीटर ऊँची यानि लगभग 13 मंजिल की है फिर भी इतने ऊँचे मंदिर को बनाने के लिए कोई भी नींव नहीं बनाई गयी है मतलब ये मंदिर जमीन के ऊपर से ही बना है। इस मंदिर को बनाने के लिए 1 लाख 30 हजार टन ग्रेनाइट पत्थर का इस्तेमाल किया गया है पर हैरानी की बात ये है कि इस मंदिर के आसपास कहीं भी ग्रेनाइट नहीं मिलता तो इतना ग्रेनाइट यहाँ कैसे लाया गया होगा। मंदिर के वास्तुकला का एक और हैरान करने वाला रहस्य ये भी है कि इतने ऊँचे मंदिर को मजबूत बनाने के लिए कोई भी सीमेंट या मिट्टी जैसे चिपकाने वाले पदार्थ का इस्तेमाल नहीं किया गया है फिर भी मंदिर हजारों सालों से तूफान भूकंप सुनामी जैसी आपदाओं को सहन करके भी वैसा ही खड़ा है। मंदिर के ऊपर 80 टन का गुंबद रखा हुआ जिसे एक ही पत्थर तराश कर बनाया गया है और इतने भारी पत्थर को बिना क्रेन की मदद से इतनी ऊंचाई पर रखा गया, इस गुंबद की और भी ज्यादा चौकाने वाली बात ये है कि इसे इस तरीके से बनाया गया है कि इसकी परछाई कभी भी जमीन पर नहीं दिखती। इस मंदिर की हजारों साल पहले की ऐसी वास्तुकला को देखकर तो लगता है पुराने समय की तकनीक और इंजिनियरींग आज के समय से भी ज्यादा अग्रिम थी।
12. Matsya Mata Mandir, Gujarat
ये तो सभी लोगों को पता है कि मंदिरों में देवी देवताओं की पूजा की जाती है लेकिन गुजरात के वलसाड तहसील के मगोद डुंगरी गांव में ऐसा मंदिर मौजूद है जहाँ व्हेल मछली की पूजा की जाती है। माना जाता है कि करीब 300 साल पहले गांव के प्रभु टंडेल नाम के व्यक्ति को सपना आया था कि एक देवी समुद्र तट में आती है और वहीं बेहोश हो जाती है, पहले टंडेल ने इसे मामूली सपना सोचा लेकिन ज़ब वह सुबह कुछ लोगों को लेकर समुद्र तट में पहुंचा तो वहाँ एक व्हेल मछली मरी हुई थी जिसके बाद लोगों ने इसे माता का रूप मानकर गांव में एक मंदिर का निर्माण करवाया और व्हेल की हड्डीयों को मंदिर में स्थापित करके इसकी पूजा करने लगे। इसके बाद गांव के बहुत से लोगों ने मछली की पूजा करने का विरोध किया जिसके बाद गांव में भयानक महामारी फेल गयी जिससे बचने के लिए लोग इस मंदिर में मत्स्य माता से मदद मांगने गए जिसके बाद गांव की महामारी ठीक हो गयी और लोगों को माता के चमत्कार पर भरोसा होने लगा। आज भी लोग गांव की और अपने परिवार की सुख समृद्धि की कामना के लिए इस मंदिर में जाते है।
13. Yamraj Mandir, Bharmour
हिमाचल प्रदेश के भरमौर में दुनिया का एकमात्र यमराज का मंदिर मौजूद है। माना जाता है किसी भी इंसान की मृत्यु के बाद यमदूतों द्वारा उसकी आत्मा को इस मंदिर में लाया जाता है जहाँ धर्मराज की कचहरी लगती है और कहा जाता है कि मंदिर में 4 अदृश्य दरवाजे मौजूद है जो सोना, चांदी, ताम्बा और लोहे से बने है, धर्मराज की कचहरी में आत्मा को उसके कर्मों के अनुसार सजा सुनायी जाती है और पुण्य करने वाली आत्मा को सोने के दरवाजे से स्वर्ग भेजा जाता है जबकि पाप करने वाली आत्माओं को लोहे के दरवाजे से नर्क भेजा जाता है। लोग इस मंदिर के अंदर दर्शन करने जाने से भी डरते है इसीलिए वे दूर से ही यमराज के इस मंदिर को प्रणाम करके निकल जाते है।
14. Shree Shiddh Khedapati Hanuman Mandir
मध्यप्रदेश में शाजापुर के बोलाई गांव में हनुमान जी का सिद्धवीर खेड़ापति मंदिर स्थित है। माना जाता है कि इस मंदिर में आने से लोगों को उनके साथ भविष्य में क्या घटना होने वाली है उसका पूर्वाभास हो जाता है। मंदिर के पुजारी बताते हैं कि कुछ समय पहले यहाँ रेलवे ट्रैक पर दो मालगाड़ी टकरा गईं थी। बाद में दोनों गाड़ियों के लोको पायलट ने बताया था कि उन्हें घटना के कुछ देर पहले ही अनहोनी का अहसास हो गया था, उन्हें ऐसा लगा था मानो कोई उनसे ट्रेन की रफ्तार कम करने के लिए कह रहा था लेकिन उन्होंने स्पीड कम नहीं की औऱ इस कारण आमने-सामने की टक्कर हो गई थी और तबसे माना जाता है कि मंदिर के सामने से गुजरते समय ट्रैन की स्पीड अपने आप ही कम हो जाती है। खेड़ापति हनुमान मंदिर देश का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां हनुमान जी की प्रतिमा के साथ गणेश जी भी विराजमान हैं।
15. Kakanmath Temple
शिवजी को समर्पित यह मंदिर मध्यप्रदेश के ग्वालियर से 65 किलोमीटर दूर सीहोनिया गांव में मौजूद है। इस मंदिर की खासियत इसकी बनावट है जो वैज्ञानिकों को भी हैरान कर देती है। इस मंदिर का निर्माण Kirttiraja ने 1035 में करवाया था। ये मंदिर 115 फुट ऊँची है और इसे पत्थर के ऊपर पत्थर रख कर बनाया गया है और निर्माण में किसी भी कंक्रीट या पत्थर को जोड़ने वाली किसी भी चीज का इस्तेमाल नहीं किया गया है। आज इस मंदिर को देख कर लगता है की तेज हवा के झोंके से ही ये मंदिर गिर जायेगा लेकिन कई सालों से बहुत सी तेज हवाओं और आँधियों को सहने के बाद भी ये मंदिर वैसे ही खड़ा है। आज के आधुनिक तकनीकी समय में भी इस तरह की करीगरी से इतनी ऊँची इमारत बनाना नामुमकिन ही लगता है।
16. Latu Temple, Uttrakhand
उत्तराखंड के चमोली जिले के वाण में एक ऐसा अद्भुत मंदिर मौजूद है जो साल में सिर्फ एक ही बार खुलता है फिर भी लोग डर की वजह से मंदिर के बाहर से ही दर्शन करते है। कहा जाता है कि इस मंदिर के अंदर नागराज अपनी मणि के साथ रहते है और इस मणि की चमक इतनी ज्यादा है कि इससे इंसान के आँखों की रोशनी भी जा सकती है और वे अंधे हो सकते है, यही कारण है कि कोई भी भक्त मंदिर के अंदर जाने की हिम्मत नहीं करता, मंदिर के अंदर सिर्फ पुजारी ही जाते है और वो भी आँख, नाक और मुँह में कपड़ा बांधकर जाते है क्यूंकि उनका मानना है अंदर हवा में नागराज का विष हो सकता है और विष नाक मुँह से शरीर के अंदर ना चले जाये इसीलिए कपड़े से नाक और मुँह को ढका जाता है। इस मंदिर को लाटू देवता का मंदिर कहा जाता है और इस मंदिर का दर्शन करना बहुत ही दुर्लभ है।
17. Idana Mata Mandir
राजस्थान के उदयपुर से 60 किलोमीटर दूर अरावली की पहाड़ी में बसा इडाना माता का मंदिर एक बहुत ही रहस्यमयी मंदिर है क्यूंकि इस मंदिर में हर महीने 2-3 बार खुद ही आग लग जाती है और आग लगने का कारण आजतक पता नहीं चल पाया है। इस मंदिर में छत मौजूद नहीं है और आग लगने पर माता की मूर्ति को छोड़कर उनका श्रृंगार और चुनरी सब कुछ जल कर खत्म हो जाता है। मंदिर में लगने वाली इस आग को माता का अग्नि स्नान माना जाता है और कहा जाता है कि ज़ब भी मूर्ति में चुनरी और श्रृंगार का भार बहुत ज्यादा होता है तो माता खुद आग लगा कर खुद को साफ करती है। मंदिर की इस आग में सिर्फ मूर्ति के ऊपर की चुनरी ही जल कर भस्म होती है और आग से आजतक कोई अन्य नुकसान नहीं हुआ है।
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18. Karni Mata Mandir
राजस्थान के बीकानेर जिले में करणी माता जी का मंदिर मौजूद है जिन्हें दुर्गा माता जी का अवतार भी माना जाता है। यह मंदिर चूहों की वजह से प्रसिद्ध है क्यूंकि मंदिर में 20000 से 25000 चूहे मौजूद है और इन चूहों को पवित्र माना जाता है, चूहों की वजह से लोग मंदिर में पैर उठा कर नहीं बल्कि पैरों को घसीट कर चलते है ताकि चूहे उनके पैर के नीचे ना आ जाये। अगर चूहे लोगों के पैरों के ऊपर से जाते है तो इसे शुभ संकेत माना जाता है और माना जाता है उनकी मंदिर में मांगी मनोकामना पूरी हो जायेगी। मंदिर के रसोई में भी हजारों चूहे घूमते है और प्रसाद को झूठा भी करते है और भक्त भी श्रद्धा की वजह से इन प्रसाद को खा लेते है लेकिन आजतक इन प्रसाद को खाकर कोई भी इंसान बीमार नहीं हुआ है।
19. Padmanabhaswamy Temple, India
पद्मनाभस्वामी मंदिर भगवान विष्णु जी का मंदिर है जो कि केरल के तिरुवनंतपुरम में स्थित है। यह मंदिर 16वीं शताब्दी में त्रावणकोर के शाही परिवार ने बनाया था। इस मन्दिर की खास बात इसके 6 गुप्त दरवाजे है जो कि कई दशकों से बंद पड़े थे। पर उच्च न्यायालय के आदेश के बाद पाँच दरवाजों को खोल लिया गया जिनमें से 2 लाख करोड़ रुपये की सम्पति मिली थी जिनमे सोने और बाकि कीमती गहने शामिल थे। लेकिन वे सब छठे दरवाजे को खोलने में कामयाब नहीं हो पाए क्योंकि इस दरवाजे में बाकी दरवाजों की तरह कोई ताला नहीं था पर सामने 2 बड़े कोबरा साँपो की आकृति बनी हुई थी इस दरवाजे के पीछे का राज अभी भी रहस्य बना हुआ है। इसे Bhartakkon Kallara (तहखाना B) नाम दिया गया है। यह तहखाना बहुत ही पवित्र माना जाता है और कहा जाता है कि इसे खोलने के लिए खास तरह के मंत्र की आवश्यकता होती है, और जो भी इसे जबर्दस्ती खोलने की कोशिश करेगा वो शाप के कारण मर जायेगा। और कुछ लोगों का मानना है कि इस दरवाजे के पीछे पानी के लहरों की आवाज़ आती है और कहते है अगर ये दरवाजा खोल दिया तो बाढ़ जैसी बड़ी आपदा आ सकती है और कुछ कहते है कि इसमें ऐसे ऐसे ख़ज़ाने हो सकते हैं जो इंसानो ने देखे भी ना हो। हालांकि इस दरवाजे के साथ ऐसे बहुत से अलग अलग तथ्य जुड़े हैं पर असल मे इसके पीछे क्या है किसी को भी नहीं पता है और इसके पवित्र होने कारण सरकार भी इस दरवाजे को खोलने से डरती है।
20. Devji Maharaj Mandir
भोपाल के मलाजपुर में मौजूद यह मंदिर यहाँ हर साल होने वाले भूत मेला के लिए प्रसिद्ध है। भूत मेला हर साल पौष पूर्णिमा के पहले दिन शुरू होता है और बसंत पंचमी तक चलता है। इस दौरान यहाँ बहुत से भक्त और ऐसे लोग आते है जिनके अंदर भूत प्रेत का साया होता है। शाम की आरती के बाद मंदिर के अंदर कुछ खास पूजा की जाती है जिसमें लोगों के अंदर मौजूद भूत प्रेतों को उनके शरीर से बाहर निकाला जाता है। ये मंदिर Devji Maharaj का है जिनका जन्म 1700 के करीब माना जाता है। ये अपनी रेत से नमक बनाना मिट्टी से गुड़ बनाना पत्थर से नारियल बनाना जैसे अद्भुत शक्तियों की वजह से जाने जाते थे लेकिन इनको ज्यादा प्रसिद्धि तब मिली ज़ब
21. Hadimba Devi temple, Manali
हडिम्बा माता का मंदिर मनाली के ढूंगरी गांव में मौजूद है इसलिए इसे ढूंगरी मंदिर भी कहा जाता है। इस मंदिर की खास बात इसकी कहानी है क्यूंकि हडिम्बा जी का जन्म राक्षस कुल में हुआ था फिर भी उनको देवी की उपाधि कैसे दी गयी। कहानी महाभारत काल से जुडी है ज़ब पांडव वनवास के समय इस जंगल में आ गए थे लेकिन इस जंगल में हडिम्बा और उनके भाई हिडिम्ब का राज था। हिडिम्ब बहुत ही क्रूर राक्षस था जो आसपास के लोगों पर अत्याचार करता था और पांडवो के आने की सूचना मिलने पर उनको भी मारने के लिए चला गया था लेकिन भीम के हाथों उसकी मौत हो गयी। अपने हत्या के बावजूद भी हडिम्बा जी को भीम से प्यार हो गया और उन्होंने भीम के सामने शादी का प्रस्ताव रखा जिसे भीम ने भी स्वीकार कर लिया। इसके बाद दोनों का बेटा घटोचकच हुआ। ज़ब पांडव मनाली से वापिस जाने लगे तो उन्होंने हडिम्बा को भी उनके साथ चलने को कहा लेकिन मनाली की रक्षा करने के लिया हडिम्बा ने जाने से मना कर दिया और अपने बेटे घटोचकच के साथ जंगल में ही रहने लगे। हडिम्बा जी इस जगह के संरक्षक बन गए और एक छोटी सी गुफा में रहकर तप करने लगे। राक्षस कुल के होने के बावजूद भी उनका दयालु स्वभाव, भीम से शादी और घोर तप की वजह से उन्हें देवी की उपाधि दी गयी। आज भी हडिम्बा देवी को मनाली का रक्षक माना जाता है जो हर संकट से मनाली की रक्षा करते है और यहाँ के लोग भी इन्हें कुलदेवी मान कर पूजते है। मंदिर में कोई भी मूर्ति या प्रतिमा नहीं है बल्कि एक छोटी सी गुफा और एक पत्थर है जहाँ बैठ कर देवी ने तप किया था। इस मंदिर का निर्माण 1553 में Maharaja Bahadur Singh ने करवाया था जो बहुत ही खूबसूरत है और चारों और से घने देवदार के पेड़ से घिरे होने की वजह से और भी ज्यादा खूबसूरत बन जाता है इसीलिए ये मनाली के सबसे प्रसिद्ध पर्यटक स्थानों में से है जहाँ हर साल लाखों लोग घूमने आते है।
22. Aeroplane Temple, Punjab
पंजाब के जालंधर के नजदीक Talhan गांव में ऐसा गुरुद्वारा मौजूद है जहाँ भक्त ऐरोप्लेन खिलौना चढ़ाते है। इस गुरूद्वारे का नाम Shaheed Baba Nihal Singh Ji Gurudwara है लेकिन अब इसे Aeroplane Gurudwara नाम दिया गया है। माना जाता है जो भी लोग विदेश जाना चाहते है वे अगर इस मंदिर में खिलौना ऐरोप्लेन चढ़ाएंगे तो उनका वीज़ा जल्दी लग जाता है। गुरूद्वारे में एयरोप्लेन चढ़ाने का आईडिया सबसे पहले किसके दिमाग़ में आया और ये कबसे शुरू इसका कोई साफ सबूत नहीं है लेकिन एक कहानी है कि बहुत साल पहले कुछ लडके विदेश जाना चाहते थे और वीज़ा लगने की मनोकामना के साथ उन्होंने इस गुरूद्वारे में एयरोप्लेन चढ़ा दिया जिसके बाद सभी लड़कों का वीज़ा लग गया और तभी से बाकि लोगों ने भी यहाँ एयरोप्लेन चढ़ाना शुरू कर दिया। इस गुरूद्वारे में हर दिन बहुत से भक्त वीज़ा लगने की मनोकामना के साथ आते है और एयरोप्लेन चढ़ाते है, इन खिलौनों को शाम के समय आसपास के बच्चों को प्रसाद के तौर पर दिया जाता है।
23. Chinese Kali Temple, Kolkata
कोलकाता में एक Tangra नाम की जगह है जिसे चाइना टाउन भी कहा जाता है क्यूंकि यहाँ बहुत से चीन के लोग आकर बसे है। Tangra में एक ऐसा काली माता का मंदिर मौजूद है जो दिखने में तो बाकि मंदिरों की तरह ही लगता है लेकिन इस मंदिर की खास बात है मंदिर में दिया जाने वाला प्रसाद, मंदिर में भक्तों को मोमो चाउमीन और बाकि चाईनिज खाना प्रसाद के तौर पर दिया जाता है। माना जाता है कि लगभग 60 साल पहले यहाँ एक चाइनीज बच्चा बहुत ज्यादा बीमार हो गया था जिसका इलाज कोई भी डॉक्टर्स नहीं कर पा रहे थे तो थक हार के बच्चे के माँ बाप बच्चे को इस जगह लाये थे जहाँ पहले सिर्फ पेड़ के नीचे 2 पत्थर रखा हुआ था जिसे स्थानीय लोग माता काली का रूप मानते थे लेकिन यहाँ पूजा करवाने के बाद उनका बच्चा पूरी तरह ठीक हो गया जिसके बाद उन्होंने यहाँ मंदिर का निर्माण करवाया और स्थानीय लोगों और बाकि के चाइनीज लोगों में भी काली माँ के लिए आस्था और बढ़ गयी और वे मंदिर आने लगे। आज समय में भी हिन्दू और चाइनीज पुजारी मिल के काली माता की पूजा करते है और मंदिर के अंदर चाइनीज अगरबत्ती जलायी जाती है।
24. Channapatna Dog Temple, Karnataka
कर्नाटक के चन्नापटना में एक ऐसा मंदिर मौजूद है जहाँ पर कुत्तों की पूजा की जाती है। इस मंदिर की कहानी 2010 से शुरू होती है ज़ब गांव के रमेश नाम के व्यापारी ने गांव में गांव की कूलदेवी केम्पम्मा जी के मंदिर का निर्माण शुरू किया। मंदिर के निर्माण के दौरान दो कुत्ते रोज आँगन में आकर बैठने लगे लेकिन ज़ब मंदिर का निर्माण पूरा हुआ तो वो दोनों कुत्ते रहस्यमयी तरीके से गायब हो गए और कभी नहीं मिले। कुछ दिन बाद गांव के एक व्यक्ति के सपने में केम्पम्मा देवी आती है और उनके मंदिर में उन दोनों गायब हुए कुत्तों की मूर्ति बनाने की सलाह देती है जिसके बाद गांव वाले मंदिर के अंदर 2 कुत्तों की मूर्ति बनवाते है। माना जाता है कि ये कुत्ते मंदिर और गांव की सभी बुराइयों से रक्षा करते है। इस मंदिर के दर्शन के लिए हर दिन बहुत से लोग आते है और इन रक्षक कुत्तों के सम्मान में गांव में हर साल मेला मनाया जाता है।
25. Munch Murugan Temple, Kerala
हिन्दू धर्म में बताया गया है कि भगवान के बाल रूपों को कोई खाना बहुत पसंद होता है जैसे कृष्ण जी को मक्खन पसंद था और गणेश जी को लड्डू लेकिन केरल के Alappuzha के मंदिर में मौजूद बाल मुरुगन जी थोड़े मॉडर्न है जिन्हें Nestlé कंपनी की मंच चॉक्लेट पसंद है, इसीलिए इस मंदिर को Munch Murugan मंदिर नाम दिया गया है। इसके पीछे की कहानी ये है कि कुछ साल पहले एक मुस्लिम बच्चा खेलते हुए इस मंदिर की घंटी बजा रहा था जिसे देख उसके माँ बाप ने उसे डांट लगाई थी और उस रात वो बच्चा काफ़ी बीमार पड़ गया था और मुरुगन भगवान का नाम ले रहा था जिसके बाद उसके माँ बाप उसे मंदिर में दर्शन के लिए लाए और चढ़ावे में तेल और फूल चढ़ाये लेकिन बच्चा भगवान को देने के लिए कुछ नहीं लाया था तो उसने माँ बाप द्वारा दी गयी मंच चॉकलेट भगवान को देदी और मंदिर से निकलने के बाद बच्चा बिल्कुल ठीक हो गया। उसके बाद से ही लोगों में बात फैल गयी कि बाल मुरुगन जी को मंच चॉकलेट पसंद है और आजतक भक्त अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए मंदिर में मंच चॉकलेट चढ़ाते आ रहे है।
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